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Cinema, Theatre, Music & Literature

1965 भारत-पाक युद्ध : FTII, ऋत्विक घटक का इस्तीफ़ा, शत्रुघ्न सिन्हा की खिचड़ी

1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान FTII (तब FII) में बेहद कठिन परिस्थितियों में आपसी संबंध पनपने का दौर: एक संस्मरण (HK Verma) [नोट : यह लेख श्री एच के वर्मा के अंगरेजी में लिखे लेख का हिंदी अनुवाद है| HK Verma,... Continue Reading →

महात्मा गांधी : कायरता और हिंसा के बीच चुनाव!

मैं एक पूरी जाति को नष्ट करने का जोखिम उठाने की अपेक्षा हजार बार हिंसा का जोखिम उठाने को तैयार हूँ। हिंसा ही विकल्प : मैं यह मानता हूं कि जहां कायरता और हिंसा के बीच ही चुनाव करना हो,... Continue Reading →

‘कारगिल’ और भारत-पाक शांति प्रयास

पिछली सदी में नब्बे के दशक के अंत में जब भारत और पाकिस्तान अपने अपने परमाणु अभियानों क्रमश: “शक्ति” और “गौरी” की आँच से तप रहे थे तो ग़ालिब के दो सदी बाद मनाये जाने वाले जयंती समारोह “अंदाज-ए.बयां” की मार्फत मशहूर... Continue Reading →

वतन पर खतरे के समय फ़िल्म उद्योग के कर्त्तव्य

सन 1962 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरु की वैश्विक शांति में आस्था पर चोट करते हुए उनके पंचशील के सिद्धांत को ठुकराते हुए पड़ोसी चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया| अंगरेजी हुकूमत से आज़ादी मिले डेढ़ दशक... Continue Reading →

अशोक और कलिंग युद्ध

एक ही काल, समय और स्थान पर उपस्थित सभी मानवों के ऊपर एक ही बात का असर एक जैसा नहीं होता| एक ही कृत्य में सम्मिलित सभी कर्मियों का योगदान एक समान नहीं होता, बाहर से भले ही एक जैसा... Continue Reading →

जाने वाले सिपाही से पूछो (उसने कहा था 1960) – गीतकार शैलेन्द्र या मख़दूम?

बिमल रॉय निर्मित और मोनी भट्टाचार्जी निर्देशित फ़िल्म - उसने कहा था, हिंदी के लेखक चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' की एकमात्र उपलब्ध कहानी - उसने कहा था, पर आधारित है| सलिल चौधरी के मधुर एवं आकर्षक संगीत से सजी इस फ़िल्म... Continue Reading →

भारत में सिनेमा का पहला विज्ञापन!

जब स्वामी विवेकानंद बाद में बेहद प्रसिद्द हो जाने वाली शिकागो की यात्रा हेतु भारत से शिकागो वाया वैंकुवर पहुँच रहे होंगे तब भारत में सिनेमा अपनी पहली मुंह दिखाई कर रहा था| July 1896 के पहले सप्ताह में जब... Continue Reading →

‘एकाक्षर’ और ‘द्वयक्षर’ श्लोक : अदभुत कल्पनाशक्ति

सारे जहां का दर्द : प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्रा

देश के लिए यह सौभाग्य की बात है या दुर्भाग्य की, मगर यह सच है कि भारत के प्रधानमंत्री के पद का दर्जा कुछ महीनों से बहुत तेजी से उठ गया है। जो साधारण सड़कछाप वोटर इस गलतफहमी में थे... Continue Reading →

महात्मा गांधी और सुभाषचन्द्र बोस : ओशो

मुझे एक युवक याद आते हैं| उनका नाम सुभाष चंद्र बोस था। वे एक महान क्रांतिकारी बने और मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है, क्योंकि वे भारत में एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने महात्मा गांधी का विरोध किया; वे देख सकते थे... Continue Reading →

जयप्रकाश नारायण का पत्र प्रधानमंत्री पंडित नेहरु के नाम

सन 1962 के सितम्बर माह में कॉमनवेल्थ प्रधानमंत्रियों के सम्मलेन (Commonwealth Prime Ministers' Conference, September 10 to 19, 1962) में भाग लेने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु लन्दन गए थे| उससे कुछ दिन पहले जय प्रकाश नारायण... Continue Reading →

पुरस्कार : दुश्मन राष्ट्र के नागरिक से प्रेम

आर्द्रा नक्षत्र आकाश में काले काले बादलों की घूमड़, जिसमें देव-दुंदुभी का गंभीर घोष। प्राची के एक निरभ्र कोने से स्वर्ण पुरुष झांकने लगा था। देखने लगा महाराज की सवारी। शैलमाला के अंचल में समतल उर्वरा भूमि से सोंधी बास... Continue Reading →

1 मई ‘मज़दूर दिवस’ वाली माँ

सभी माताएं महान होती हैं, अपने बच्चों के लिए वे नाना प्रकार के त्याग करती हैं, अपने बच्चों के लिए वे अपने जीवन को, और अपनी अभिलाषाओं को, काट-छांट कर सीमित बना देती हैं| अपने बच्चों के भविष्य को गढ़ने... Continue Reading →

Sylvester Stallone और उनका पालतू कुत्ता

Rocky और Rambo जैसी विश्व विख्यात फिल्मों के सर्जक हॉलीवुड के प्रसिद्द एक्शन स्टार Sylvester Stallone के चेहरे का एक हिस्सा जन्म से ही पैरालीसिस से ग्रस्त था| पर बचपन में  ही उनमें अभिनेता बनने की इच्छा घर कर गई थी और उन्होंने अपने सपने को पूरा... Continue Reading →

अहा आम! वाह आम!

जो आम में है वो लब ए शीरीं में नहीं रसरेशों में हैं जो शेख की दाढ़ी से मुक़द्दसआते हैं नज़र आम, तो जाते हैं बदन कसलंगड़े भी चले जाते हैं, खाने को बनारस होटों में हसीनों के जो, अमरस... Continue Reading →

भगत सिंह की धर्मनिरपेक्षता की विरासत

के सी त्यागी जनसत्ता (23 मार्च 2015)

जिहाद (प्रेमचंद)

बहुत पुरानी बात है। हिंदुओं का एक काफिला अपने धर्म की रक्षा के लिए पश्चिमोत्तर के पर्वत-प्रदेश से भागा चला आ रहा था। मुद्दतों से उस प्रांत में हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रहते चले आये थे। धार्मिक द्वेष का नाम... Continue Reading →

दिल्ली (मुहम्मद अल्वी )

बेहतर लिखने वाले लेखक, किसी शहर पर भी चंद पंक्तियों में ऐसा लिख सकते हैं कि पढ़ने वाला उन शब्दों के जादू में खो जाए| शायर मुहम्मद अल्वी साहब की रचनायें भी ऐसी ही आकर्षक हैं कि उन्हें सिर्फ एक बार पढ़ने... Continue Reading →

Mr & Mrs Iyer और पहलगाम : धर्म पहचान कर हत्या

अभिनेत्री एवं निर्देशक अपर्णा सेन ने सन 2002 में हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक तनाव पर एक फ़िल्म बनायी थी - Mr. and Mrs. Iyer जिसमें हिन्दू नायिका (कोंकना सेन सरमा) और मुस्लिम नायक (राहुल बोस) एक बस यात्रा के दौरान अलग बगल... Continue Reading →

भारतीय संस्कृति में गुरु की श्रेणियां : ओशो

अमेरिका में 1981 में ओशो के शिष्यों ने ओशो के लिए पी. आर. प्राप्त करने का आवेदन पत्र भरा था| 14 October, 1982 को Portland Oregon में इस सिलसिले में अमेरिकी इमिग्रेशन सर्विसेज़ ने ओशो का साक्षात्कार लिया और उनके एक प्रश्न ”क्या आप स्वयं को... Continue Reading →

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