कोमल और प्रेममयी स्वर में टीचर : राजू तुम यहाँ क्या कर रहे हो? किशोर लड़का : मैडम मैं सर के सामने कंफैशन कर रहा था, मैंने पाप किया है| कहकर लड़का बाहर जाने लगता है जिससे उसे अपनी टीचर... Continue Reading →
चाहे हिमालय के भव्य अस्तित्व का श्रंगार करती हुयी सूरज की किरणें हों या एल्प्स की वादियों की गोद को धीमी नाजुक आँच से मदमाती हुयी सूरज की किरणें हों, सुबह के सूरज की लालिमा के सौंदर्य का कहीं कोई... Continue Reading →
सिनेमा के भारतीय प्रेमी केन्द्र सरकार को धन्यवाद कह सकते हैं कि काफी समय से बीमार अभिनेता-निर्माता और निर्देशक शशि कपूर को अंततः उनके दवारा भारतीय सिनेमा को दिए गये उल्लेखनीय योगदान के कारण उनके प्रति न्याय करते हुए (और... Continue Reading →
सत्तर का दशक बीत चुका था, अस्सी का दशक धड़ल्ले से आगमन कर गया था। अमिताभ बच्चन सफलता के पुष्पक विमान पर उड़ान भरते हुये हिन्दी सिनेमा में देवाधिदेव होने का मुकाम हासिल कर चुके थे। दर्शक उनकी हर नई... Continue Reading →
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