मम्मो अकेली इंसान नहीं थी जिसकी ज़िंदगी मुहम्मद अली जिन्ना के पाकिस्तान बनाने के कारण पटरी से उतर गई, उस जैसे लाखों लोग 1947 के बाद दो राष्ट्र के सनकी प्रयोग के कारण टूटी फूटी ज़िंदगी जीने के लिए विवश... Continue Reading →
कुछ बातें होती हैं जो जीवन की दिशा बदल देती हैं| अभिनेता मनोज कुमार के सिनेमाई जीवन में भगत सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने का अवसर आया और उस एक घटना ने उनके सिनेमाई जीवन की दिशा ही बदल... Continue Reading →
भारत- पाकिस्तान के बीच तनाव का आलम ऐसा है कि बिना आग भी धुआँ उठ सकता है और बिना मुददे के भी दोनों देश लड़ सकते हैं, इनकी सेनाएं जंगे-मैदान में दो –दो हाथ न करें तो क्रिकेट के मैदान... Continue Reading →
अदब आमोज़ है मयखाने का जर्रा-जर्रा सैंकड़ों तरह से आ जाता है सिजदा करना इश्क पाबंदे वफा है न कि पाबंदे रसूम सर झुकाने को नहीं कहते हैं सिजदा करना। बड़ा फर्क है सम्प्रदाय, जिसे लोग गलती से धर्म भी... Continue Reading →
गुलज़ार साब की अपनी बनायी फिल्मों में "लेकिन" और "अचानक" दो ही थ्रिलर हैं। अचानक में गुलज़ार समाज में साधारणतया बसने वाली बेवफाई, कत्ल, नैतिकता और मौत की सजा आदि की परिभाषाओं को खंगालते हैं। "सैंकड़ों को वहाँ जंग में... Continue Reading →
Recent Comments