जीवन हमेशा ही पलक झपकते ही अपना रुख बदल लेता है| बस एक क्षण का समय ही पर्याप्त होता है जीवन की दिशा बदलने वाली घटना के घटित होने के लिए| आसानी से चल रहा जीवन एक तीव्र मोड़ ले... Continue Reading →
...[राकेश] इच्छुक लोग फिल्म को यहाँ देख सकते हैं https://cinemanthan.com/2014/05/30/kahaani2012 https://cinemanthan.com/2015/05/12/piku2015
...[राकेश]
सपनों के पीछे दीवानगी की हद तक भागना जरुरी नहीं कि अच्छे कर्म ही कराये और कई बार “पैशन” ऐसे काम करने के लिये विवश कर देता है जो अगर अनैतिक न भी लगें पर कम से कम किसी देश... Continue Reading →
किसी भी परिवार के मुखिया की पत्नी उस घर की धुरी बन जाती है। मुखिया, उसकी संताने सभी लोग उस एक महिला के कारण आपस में जुड़ाव महसूस करते हैं। उन लोगों के आपस में एक दूसरे से अलग विचारधारायें... Continue Reading →
ऊँच-नीच के अंतर के सागर में गहराई तक डूबे भारतीय समाज में फिल्मी दुनिया भी इस बीमारी से अछूती नहीं रही है। वहाँ ऊँच-नीच के भेदभाव कुछ अलग तरीके के हैं। वहाँ नायक की भूमिकायें निभाने वाले अभिनेता, जो व्यवसायिक... Continue Reading →
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