...[राकेश]
अपने ‘मैं’ को खोकर जिसे पाते वह सौगात ‘प्रेम’ की! प्रेम में पहले दूसरा स्वयं से महत्वपूर्ण हो जाता है फिर दोनों के ‘मैं’ कुछ समय के लिए एक हो जाते हैं और एक समय आता है जब व्यक्ति को... Continue Reading →
कुछ बातें होती हैं जो जीवन की दिशा बदल देती हैं| अभिनेता मनोज कुमार के सिनेमाई जीवन में भगत सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने का अवसर आया और उस एक घटना ने उनके सिनेमाई जीवन की दिशा ही बदल... Continue Reading →
...[राकेश] इच्छुक लोग फिल्म को यहाँ देख सकते हैं https://cinemanthan.com/2014/05/30/kahaani2012 https://cinemanthan.com/2015/05/12/piku2015
सन 1984 के किसी दिवस की बात है| एक शिष्य अपने गुरु दवारा बसाए गये शहर में उनके आवास के बाहर रोते हुए गुरु की निजी सचिव से कह रहा है,” भगवान, ने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया| मुझे... Continue Reading →
जिसने ‘दृश्यम’ फिल्म का मूल मलयाली संस्करण (मोहन लाल अभिनीत) और कमल हसन अभिनीत तमिल संस्करण नहीं देखे हैं उनके लिए फिल्म का अजय देवग्न अभिनीत हिंदी संस्करण एक अच्छे थ्रिलर देखने का आनंद प्रस्तुत करता है और मूल मलयाली... Continue Reading →
‘मसान’ में बहुत कुछ ऐसा है जो लगभग सभी देखने वालों को बेहद पसंद आएगा| अच्छी फिल्मों में जो सामने दिखता है, जो भले ही अलग – अलग प्रतीत होता है, उसके पार्श्व में दिखाई न दे सकने वाले परन्तु... Continue Reading →
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