किसी भी गीत को उम्दा बनाने के लिये संगीतकार, गायक और गीतकार तीनों के बेहतरीन योगदान की जरुरत होती है और किसी एक का भी योगदान कमतर हो तो गीत की गुणवत्ता और आयु कम हो जाती है। तीनों में... Continue Reading →
भारत की सरकारों का सौभाग्य रहा है कि देशवासियों की कमर तोड़ने वाले मुद्दों को लेकर भी भारतवासी सड़कों पर नहीं उतरते बल्कि किसी न किसी तरह से इन अव्यवस्थाओं से पार पाने की सहन शक्ति विकसित कर लेते हैं... Continue Reading →
फिक्र तौसवीं ने क्या कभी सोचा होगा कि उनकी कृति प्याज के छिलके का शीर्षक एक फिल्मी गीत के लिये एक रुपक का काम करेगा? पर ऐसा तो सदियों से सिद्ध होता रहा है कि जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ... Continue Reading →
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