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#MannaDey

कसमें वादे प्यार वफ़ा सब [उपकार (1967)] : किशोर कुमार की नासमझी, मन्ना डे की किस्मत  

  सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ (जॉन एलिया) मनुष्य जीवन काटना हमेशा ही दुधारी तलवार पर चलने का काम है| एक तरफ जीवन अपने रस में मनुष्य को इस... Continue Reading →

चुनरी संभाल गोरी (बहारों के सपने 1967) : मन्ना डे (उत्सवधर्मिता), लता (भावों की बरसात) संग पंचम की संगीत मधुशाला

पंचम संगीत के विशाल सागर में उठी वह तरंग रही है जो आज भी संगीत सागर में न केवल विद्यमान है बल्कि पुरजोर तरीके से संगीत सागर में हिलोरे मार रही है| सागर में उठी तरंगों के कारण अन्दर से... Continue Reading →

लुट ही गये राम नाम की लूट के फेर में

मानवेंद्र, महाश्य जी के बहुत से किस्से चटखारे लेकर सुनाया करते, और बहुत बार तो महाश्य जी की उपस्थिति में ही, और महाश्य जी खुद भी अपने बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाये गए इन किस्सों को सुनकर ठहाके... Continue Reading →

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