क्या दिलीप कुमार और भारत रत्न के बीच कुछ फासले हैं? यह तो सर्वत्र स्वीकृत बात है कि हिन्दी सिनेमा में नायक की भूमिकाएं निभाने वाले अभिनेताओं में वे चुनींदा सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक रहे हैं बल्कि हिन्दी सिने... Continue Reading →
पंचम द्वारा छोडी गयी संगीत की विरासत से इतना विशाल और गहरा सांगीतिक समुद्र संगीत प्रेमियों के लिए बन गया है कि संगीत का ककहरा सीखने से लेकर संगीत में पीएचडी संगीत पारखी लोग कर सकें, उनका संगीत इतना आश्वासन... Continue Reading →
अगर कभी गुलज़ार के किसी पुराने गीत को उन्हे अपने स्वर देने पड़ें तो यह गीत सर्वश्रेष्ठ अवसर उत्पन्न करता है उनके लिए| ...[राकेश] https://youtu.be/BfeJ-tuUoIc?si=GAonq-Xo3g4RN6PO ©
यह गीत हृषिकेष मुखर्जी की फिल्म फिर कब मिलोगी (1974) का है। इसे लिखा था मजरूह सुल्तानपुरी ने और संगीतबद्ध किया था आर.डी.बर्मन/पंचम ने। फिल्म में यह यह गीत दो बार आता है। पहली बार यह एकल गीत के रुप... Continue Reading →
गीत के नीचे दिये ऑडियो में एक अंतरा ज्यादा है। ...[राकेश]
इस गीत से किशोर कुमार हिन्दी फिल्मों में गायन की अपनी दूसरी एवं आधुनिक पारी के श्रीगणेश का शंखनाद करते हैं| हालांकि किशोर कुमार की गायिकी के आधुनिक काल में प्रवेश की झलक Mr. X in Bombay (1964) के गीत... Continue Reading →
Recent Comments