अंततः कविराज, जैसे कि पढ़ाई के जमाने से ही वे सहपाठियों में पुकारे जाते थे, की पहली पुस्तक प्रकाशित हो ही गयी। सालों लग गए इस पुण्य कार्य को फलीभूत होने में पर न होने से देर से होना बेहतर!... Continue Reading →
सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ (जॉन एलिया) मनुष्य जीवन काटना हमेशा ही दुधारी तलवार पर चलने का काम है| एक तरफ जीवन अपने रस में मनुष्य को इस... Continue Reading →
लता मंगेशकर भारत के पिछले सत्तर- अस्सी सालों के इतिहास का सबसे गौरवमयी नाम हैं जिन्होंने सामान्यजन तक बड़ी आसानी से संगीत कला की उंचाई पहुंचाई है| वे पूरे भारत, विश्व भर में फैले भारतीयों और भारतीय उपमहाद्वीप में बसने... Continue Reading →
वर्तमान में गुलज़ार साब की फिल्मों को जब जब देखा जाता है, तब तब उनके अपने सिनेमाई क्लब के तीन सदस्यों क्रमशः संजीव कुमार, किशोर कुमार और राहुल देव बर्मन, का फ़िल्मी परिदृश्य पर न होना बेहद खलता है| गुलज़ार... Continue Reading →
Recent Comments