अष्टावक्र का शरीर 8 जगह से झुका हुआ था इसलिए बचपन से ही उन्हें अष्टावक्र नाम से संबोधित किया जाता था| जब अष्टावक्र केवल 12 वर्ष के थे, तब वे राजर्षि राजा जनक के दरबार में चल रहे शास्त्रार्थ से अपने पिता को बुलाने गये| जनक के दरबार... Continue Reading →
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