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Cine Manthan

Cinema, Theatre, Music & Literature

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January 2024

Animal (2023) : जूता चाट दृश्य :: Javed Akhtar

https://youtu.be/p071YCW3h8M?si=Z7CoEsiKhne_Yc74 https://youtu.be/TMKnnykdZXc?si=3rx3jjVD_9m4OcLH https://youtu.be/YBOo4Vy0IKY?si=cfNUizmTeP6maBpd                        ...[राकेश]

Shart (1986) : I Love You Kiran…

फ़िल्म- शर्त, रिस्टोर होकर ओटीटी पर पुनः प्रदर्शित हो तो इसे आज के समय में सही दर्शक और प्रशंसक मिल जायेंगे|                ...[राकेश]

Yeh Woh Manzil To Nahin (1987) : अपराध बोध से भयभीत जीवन का पश्चाताप

                  ...[राकेश] पुनश्च : हाल में ऐसी ख़बरें थीं कि सुधीर मिश्रा ने कहीं कहा है कि वे इस फ़िल्म - ये वो मंजिल तो नहीं, को दुबारा बनायेंगे| ऐसा करने से बेहतर हो कि वे इस फ़िल्म को ओटीटी आदि... Continue Reading →

समान्तर (2009) : ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है!

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है... जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिलाकुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूं,जो किया, कहा, माना उसमें भला बुरा क्या। जिस दिन मेरी चेतना जगी मैनें देखा,मैं खड़ा हुआ... Continue Reading →

Pavan Jha : यहाँ पे रहते हैं अजातशत्रु

तुममें कहीं "कुछ" है कि तुम्हें उगता सूरज, मेमने, गिलहरियाँ, कभी-कभी का मौसम, जंगली फूल-पत्तियां , टहनियां - भली लगती हैं...  (रघुवीर सहाय) इस "कुछ" को परिभाषित करना दुष्कर कार्य है| हरेक के लिए है| हमेशा रहा है| इंटरनेट के अस्तित्व में... Continue Reading →

ओम पुरी की अभिनय की पाठशाला

रात के 8 बजे थे, सर्दी अभी शुरू ही हुई थी, मैं (आशुतोष राणा)  ओम पुरी साहब के साथ पुष्कर तीर्थ के ब्रह्म कुंड पर बैठा था। हम हिंदी फ़िल्म Dirty Politics की शूटिंग कर रहे थे। बात ही बात... Continue Reading →

तुम बिन जाऊँ कहाँ (प्यार का मौसम 1969) : पंचम के पांच जादू

https://youtu.be/YQNb89xnKvQ?si=_hJcif396ONsLOzu https://youtu.be/62w7UB3h1xU?si=XWXMUsu8zu4-Cc8v https://youtu.be/WGH36wL6lHM?si=dK5CDvb2Rj9PBdvF https://dai.ly/x806f7z https://youtu.be/PZwoyWODUtE?si=9YEH7AVr_h3ACvoN                 ...[राकेश]

Jaane Jaan (2023): Stratagem of a silent lover!

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12th Fail (2023) : सफलता का दावेदार

    ...[राकेश]

Kho Gaye Hum Kahan (2023) : नई पीढ़ी का तिलिस्म

एक रोचक युवेत्तर फ़िल्म के लिए निर्देशक अर्जुन वारायण सिंह बधाई के पात्र हैं| यह और भी सुखद है देखना कि यह उनकी पहली ही फ़ीचर फ़िल्म है| आगाज़ तो उनका शानदार हुआ है|                     ...[राकेश]

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