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Cine Manthan

Cinema, Theatre, Music & Literature

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February 2025

सूरज की ठिठोली

Pic : Sunrise @ Promenade Beach, Pondicherry, 6.39 AM, December 25, 2024 

The worst is not death 

You Say You Love…

Original Poem by Bob Marley

So you want to be a writer?

अमेरिकन पिता और जर्मन माता की संतान के रूप में सन 1920 में जन्मे Charles Bukowski 24 वर्ष की उम्र में अपनी पहली कहानी छपवा पाए और उनकी पहली कविता तब छपी जब वे 35 साल के थे| 39 वर्ष की आयु... Continue Reading →

We Are a River (Lao Tzu)

गोपाल स्वरूप पाठक : भारत के चौथे उप-राष्ट्रपति

4 अक्तूबर 1982 को उनका निधन हुआ| उनके सुपुत्र आर. एस. पाठक भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रहे हैं| और वे भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जज भी रहे| ब्रितानी राज के अधीन भारत से लेकर स्वतंत्र... Continue Reading →

शिव – ओशो

शिव कोई पुरोहित नहीं है। शिव तीर्थंकर हैं। शिव अवतार हैं। शिव क्रांतिद्रष्टा है, पैगम्बर है। वे जो भी कहेंगे, वह आग है। अगर तुम जलने को तैयार हो, तो ही उनके पास आना; अगर तुम मिटने को तैयार हो, तो ही उनके निमंत्रण को स्वीकार करना। क्योंकि तुम मिटोगे तो ही नये का जन्म होगा। तुम्हारी राख पर ही नये जीवन की शुरुआत है।

साहित्य के सुपात्र !

(अशोक वाजपेयी)

तुम्हारी हँसी … Pablo Neruda

(Your Laughter – Pablo Neruda) हिंदी अनुवाद – …[राकेश] Painting : Amrita Sher-Gil

1942 A Love Story : देश-प्रेम बनाम वैयक्तिक प्रेम

दो तरह के प्रेम (निजी प्रेम और देश प्रेम) के मध्य संघर्ष इस फ़िल्म के बुनियादी तत्वों में से एक है| प्रेम, देशप्रेम, और स्वतंत्रता आन्दोलन का संघर्ष की पृष्ठभूमि में देशप्रेम जब आहुति माँगता हो तो व्यक्तिगत प्रेम एक व्यसन की तरह... Continue Reading →

महादेव देसाई और रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म – गांधी

गांधी फ़िल्म की विश्व स्तरीय सफलता के बाद के वर्षों में कभी किसी पत्रकार ने बासु भट्टाचार्य से उनके घर जाकर साक्षात्कार लिया था तो उन्होंने रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म - गांधी पर कुछ टिप्पणियाँ करते हुए यह भी कहा... Continue Reading →

तुम मरने लगते हो धीरे-धीरे

तुम धीरे-धीरे मरने लगते हो... अगर तुम यात्राएं नहीं करते अगर तुम पढ़ते नहीं अगर तुम जीवन की आवाजों को नहीं सुनते अगर तुम अपने से सामंजस्य बिठाकर, अपनी उचित सराहना नहीं करते | तुम धीरे-धीरे मरने लगते हो जब... Continue Reading →

प्रेम : अंततः पारदर्शी 

छुआ है जिस दिन से तुमनेमेरा मनसमा गयी है उष्णता तुम्हारीमुझमें। यह गरमी और इस आँच की खुश्बूकहाँ जाये?यह उम्र झूठ बोलने की नहीं हैपैंतालिस की उम्र मेंप्लेटॉनिक/ अदभुत प्रेमहोता नहींऔर जो होता हैलाख कोशिशों के बावजूदसोता नहीं।चाहता है एकांत... Continue Reading →

दूर न जाना, प्रिये! … (Pablo Neruda)

Don’t Go Far Off (Pablo Neruda) हिन्दी अनुवाद :-   …[राकेश] Painting : Vincent Von Gogh

PremShashtra 1974 : एक विवादास्पद प्रेमकहानी

देव आनंद हिंदी सिनेमा के बड़े सितारों में फ़िल्म का विषय चुनने में सबसे साहसी अभिनेता रहे हैं| जिन विषयों की तरह सुपर स्टार मुंह करके सांस भी न लें कि अगर पत्रकारों को ऐसी भी भनक लग गयी कि उन्होंने... Continue Reading →

प्रेम : मन और देह के सत्य

… [राकेश] © Painting : The Kiss by Gustav Klimt

Jewel Thief (1967) : बेशकीमती संगीतमयी सस्पेंस थ्रिलर

अगर थ्रिलर फिल्मों की बात छिड़ ही जाए तो हिंदी सिनेमा मुख्य तौर पर दो हिस्सों में बंटता है, विजय आनंद की ज्वैल थीफ से पहले और इसके बाद| और दोनों ही कालों में एक भी फ़िल्म इसकी बराबरी में खड़े होने लायक नहीं... Continue Reading →

मुनादी…सत्ता की निरंकुशता के विरुद्ध (धर्मवीर भारती)

खलक खुदा का, मुलुक बाश्शा का हुकुम शहर कोतवाल काहर खासो-आम को आगह किया जाता हैकि खबरदार रहेंऔर अपने-अपने किवाड़ों को अन्दर सेकुंडी चढा़कर बन्द कर लेंगिरा लें खिड़कियों के परदेऔर बच्चों को बाहर सड़क पर न भेजेंक्योंकिएक बहत्तर बरस... Continue Reading →

लोकतंत्र …

लोकतंत्र नहीं आएगा आज, इस साल, या और कभी …समझौतों और भय के द्वारा तो कभी नहीं आएगा!  मेरा भी उतना ही अधिकार है जैसे किसी और का है अपने पैरों पर खड़े होने का और जमीन का टुकड़ा लेने... Continue Reading →

प्रेम – एक व्याख्या

मैत्री,सख्य, प्रेम – इन का विकास धीरे-धीरे होता है ऐसा हम मानते हैं: ‘प्रथम दर्शन से ही प्रेम’ की सम्भावना स्वीकार कर लेने से भी इस में कोई अन्तर नहीं आता| पर धीरे-धीरे होता हुआ भी यह सम गति से... Continue Reading →

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