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Cinema, Theatre, Music & Literature

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April 2025

Sylvester Stallone और उनका पालतू कुत्ता

Rocky और Rambo जैसी विश्व विख्यात फिल्मों के सर्जक हॉलीवुड के प्रसिद्द एक्शन स्टार Sylvester Stallone के चेहरे का एक हिस्सा जन्म से ही पैरालीसिस से ग्रस्त था| पर बचपन में  ही उनमें अभिनेता बनने की इच्छा घर कर गई थी और उन्होंने अपने सपने को पूरा... Continue Reading →

अहा आम! वाह आम!

जो आम में है वो लब ए शीरीं में नहीं रसरेशों में हैं जो शेख की दाढ़ी से मुक़द्दसआते हैं नज़र आम, तो जाते हैं बदन कसलंगड़े भी चले जाते हैं, खाने को बनारस होटों में हसीनों के जो, अमरस... Continue Reading →

भगत सिंह की धर्मनिरपेक्षता की विरासत

के सी त्यागी जनसत्ता (23 मार्च 2015)

जिहाद (प्रेमचंद)

बहुत पुरानी बात है। हिंदुओं का एक काफिला अपने धर्म की रक्षा के लिए पश्चिमोत्तर के पर्वत-प्रदेश से भागा चला आ रहा था। मुद्दतों से उस प्रांत में हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रहते चले आये थे। धार्मिक द्वेष का नाम... Continue Reading →

दिल्ली (मुहम्मद अल्वी )

बेहतर लिखने वाले लेखक, किसी शहर पर भी चंद पंक्तियों में ऐसा लिख सकते हैं कि पढ़ने वाला उन शब्दों के जादू में खो जाए| शायर मुहम्मद अल्वी साहब की रचनायें भी ऐसी ही आकर्षक हैं कि उन्हें सिर्फ एक बार पढ़ने... Continue Reading →

Mr & Mrs Iyer और पहलगाम : धर्म पहचान कर हत्या

अभिनेत्री एवं निर्देशक अपर्णा सेन ने सन 2002 में हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक तनाव पर एक फ़िल्म बनायी थी - Mr. and Mrs. Iyer जिसमें हिन्दू नायिका (कोंकना सेन सरमा) और मुस्लिम नायक (राहुल बोस) एक बस यात्रा के दौरान अलग बगल... Continue Reading →

भारतीय संस्कृति में गुरु की श्रेणियां : ओशो

अमेरिका में 1981 में ओशो के शिष्यों ने ओशो के लिए पी. आर. प्राप्त करने का आवेदन पत्र भरा था| 14 October, 1982 को Portland Oregon में इस सिलसिले में अमेरिकी इमिग्रेशन सर्विसेज़ ने ओशो का साक्षात्कार लिया और उनके एक प्रश्न ”क्या आप स्वयं को... Continue Reading →

बसंत : (अज्ञेय रचित नाटक)

राहुल गांधी, पं. नेहरु, हिमालय और संदीप दीक्षित,

नेता और अभिनेता में अंतर होता है और कैमरे के सामने तो यह अंतर बहुत ज्यादा स्पष्ट हो जाता है| हाल में श्री संदीप दीक्षित ने श्री राहुल गांधी के साथ एक पॉडकास्ट किया| संदीप दीक्षित दिल्ली की लम्बे समय... Continue Reading →

ओशो का दृष्टिकोण, हरिशंकर परसाई के आक्रमण पर

ओशो ने व्यंग्यकार श्री हरिशंकर परसाई की रचना और एक अखबार में अपने विरुद्ध लिखे लेख को किस तरह लिया? 11 सितम्बर 1976 को पूना आश्रम में “अष्टावक्र महागीता” श्रंखला पर प्रवचनों की शुरुआत करते हुए पहले प्रवचन में ओशो ने परसाई जी के एक लेख की चर्चा की|... Continue Reading →

टॉर्च बेचने वाले : “ओशो (आचार्य रजनीश)” पर “हरिशंकर परसाई” का आक्रमण 

"वह पहले चौराहों पर बिजली के टार्च बेचा करता था । बीच में कुछ दिन वह नहीं दिखा । कल फिर दिखा । मगर इस बार उसने दाढी बढा ली थी और लंबा कुरता पहन रखा था।मैंने पूछा, ”कहाँ रहे?... Continue Reading →

सेक्युलरिज्म : भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा पाखण्ड ?

2015 के अक्तूबर और नवम्बर माह में हुए बिहार में विधानसभा चुनावों के समय आम आदमी पार्टी से बाहर हो चुके योगेन्द्र यादव ने एक राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर भारत में सेक्युलरिज्म पर के बेहतरीन लेख लिखा था और... Continue Reading →

चंद्रशेखर : नीतिगत राजनीति वाले नेता

चंद्रशेखर एकमात्र प्रधानमंत्री रहे हैं देश के, जिनके बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि चंद्रशेखर प्रधानमंत्री न बनते उस समय तो भारत को दिवालिया होने की शर्मिंदगी और फिर टूटने की शर्मनाक स्थितियों से गुज़ारना पड़ता|... Continue Reading →

अज्ञेय की दृष्टि में एकांकी नाटक

सीमा रेखा (नाटक) : विष्णु प्रभाकर

ब्रिटिश राज से भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करके भारत में लोकतंत्र की स्थापना की और भारत का संविधान बनाया तो सब कुछ आदर्शवादी तासीर वाला रहा होगा| पर शनैः शनैः लोकतंत्र की मूल भावना से खिलवाड किया जाता रहा और... Continue Reading →

मास्टर, डॉक्टर और पुलिस : भ्रष्टाचार के तीन स्त्रोत?

गांधी जी के ग्रामीण विकास के सेनापति प्रो.कुमारप्पा

“भारत गाँवों में बसता है, अगर गाँव नष्ट होते हैं तो भारत भी नष्ट हो जायेगा| इंसान का जन्म जंगल में रहने के लिए नहीं हुआ बल्कि समाज में रहने के लिए हुआ है| एक आदर्श समाज की आधारभूत ईकाई... Continue Reading →

पंडित नेहरु और डॉ. राममनोहर लोहिया

समाजवादी चिन्तक और राजनेता डा. राम मनोहर लोहिया, ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता पाए भारत में, इसके प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरु के घनघोर राजनीतिक आलोचक रहे| परन्तु ब्रिटिश राज से आजादी से पूर्व दोनों बड़े नेताओं के मध्य कैसे संबंध थे यह... Continue Reading →

श्रीपाद अमृत डांगे : ओशो

जब मैंने कहा, तकरीबन बीस बरस पहले, कि आदमी-आदमी समान नहीं हैं, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई) ने मेरी आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और कम्यूनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष – एस. ऐ . डांगे ने घोषणा की कि शीघ्र ही उनका दामाद,... Continue Reading →

दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है!

हालात और हादसों से गुज़रते हुए आम आदमी बहुत सजग और चौकन्ना हो गया है | हर बात पर वह संदेह करने लगा है | मैंने एक आदमी से पूछा – दो और दो कितने होते है ?सवाल सुनते ही... Continue Reading →

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