पिछली सदी के आख़िरी दशक के मध्य में आबू धाबी में हिन्दी अध्यापन के माध्यम से जीविकोपार्जन करते और लगातार लेखन के माध्यम से जीवन को रचनात्मक सृजन की ऊर्जा से सींचते कृष्ण बिहारी छुट्टियों में भारत आये तो दिल्ली... Continue Reading →