अगले दिन सुभाष थाने में जवाहर के कक्ष में पहुँचता है|
सुभाष – सर, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी है, एंटीमार्टम रिपोर्ट तो जीरो है| रिपोर्ट अभी तो यही बता ही रही है कि मौत दिल के बड़े भारी दौरे से हुयी| लेकिन हाँ शरीर में दवाइयों के कम्पाउंड जरुरत से ज्यादा पाए गये हैं| अभी टिश्यू की जांच चल रही है, पता चलेगा कौन सा एलीमेंट जरुरत से ज्यादा उपस्थित था शरीर में और वह कितना हानिकारक था? विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, कल जांच के लिए भेजेंगे पर उसकी रिपोर्ट में तो समय लगेगा| एक ही तो लैब है पूरे प्रदेश में|
जवाहर – सुभाष, पोस्ट मार्टम टीम से पता करो, अगर उन्होंने सेठ जी के बालों के नमूने न लिए हों तो ले लें और आर्सेनिक का टेस्ट और करें| सेठ जी की पत्नी और उनके पारिवारिक डॉक्टर दोनों ने सेठ जी के पिछले कुछ समय से लगातार उल्टियां करने की बात बताई है| आर्सेनिक को स्पेशल डिटेक्ट करवाओ|
सुभाष – ठीक है सर|
जवाहर – सुभाष, ज़रा डॉक्टर गौतम को फोन मिलाओ | स्पीकर ऑन कर देना|
सुभाष डॉक्टर गौतम का नंबर डायल करता है|
जवाहर – हेलो डाक्टर साहब, एक बात बताइये, आप जो दवाइयां सेठ दामोदार को दे रहे थे उनकी मात्रा क्या हाल में आपने मात्रा बढ़ाई थी?
डॉक्टर की आवाज – जी हाँ, कुछ दवाओं की डोज़ डबल कर दी थी एक हफ्ते पहले ही|
जवाहर – ठीक है डाक्टर साहब| धन्यवाद|
जवाहर- हाँ सुभाष, वकील का क्या पता चला?
सुभाष- वकील साहब यहाँ आते ही होंगे| आप ही उनसे बात कर लीजियेगा| मैं उनके आते ही आपके पास लाता हूँ|
कुछ ही देर में वकील भटनागर को लेकर सुभाष, जवाहर के पास आता है|
सुभाष – सर ये सेठ दामोदर दास के वकील हैं, भटनागर जी|
जवाहर- बैठिये वकील साहब| सेठ जी के देहांत के बाद सेठ जी दवारा छोड़ी गई संपत्ति की कानूनी स्थिति क्या है? क्या सेठ जी ने कोई वसीयत आपसे तैयार करवा रखी थी?
वकील- कानूनन सेठ जी की पत्नी ही सम्पत्ति की इकलौती वारिस हैं| सेठ जी हालांकि दो तीन ट्रस्ट बनाना चाहते थे और किन्ही व्यक्तियों को निजी तौर पर कुछ धन सम्पति देना चाहते थे| उन्होंने मुझे बुलाया भी था कुछ दिन पहले वसीयत के बारे में विस्तार से निर्देश देने के लिए पर उनकी तबियत बिगड़ गई सो बात हो ही नहीं पाई| अब तो जैसा उनकी पत्नी कहेंगी वैसा ही सेठ जी की संपत्ति के साथ किया जायेगा| कल मैडम का फोन भी आया था और वे कह रही थीं अब वे ही सेठ जी की इच्छानुसार ट्रस्ट आदि बनाएंगीं|
जवाहर – क्या सेठ जी ने आपसे जिक्र किया कि वे किन लोगों को व्यक्तिगत रूप से कुछ धन संपत्ति देना चाहते थे?
वकील – नहीं, नाम आदि विवरण दे पाने का मौक़ा ही नहीं मिल पाया|
जवाहर- ठीक है वकील साहब| कुछ विशेष बात याद आए तो हमें अवश्य ही सूचित करें|
वकील चला जाता है|
जवाहर : सुभाष चलो सेठ जी के घर चलते हैं| एक बार और उनकी श्रीमती से बात करते हैं, शायद जांच कुछ आगे बढे| और हाँ, जिस कमरे में सेठ जी मृत पाए गए थे, वहीं हमने वो गुड्डा और स्वेटर भी छोड़ा था| स्वेटर को फोरेंसिक जांच के लिए भेजो, देखोअगर उस पर अगर रक्त के धब्बे हाँ तो वो किसका रक्त्त है| और शहर भर की सारी खिलौनों की दुकानें चैक करवाओ, क्या पता यहीं किसी स्थानीय दूकान से ही उसे खरीदा गया हो|
सुभाष – जी सर!
जवाहर – दस मिनट में चलते हैं|
(शेष)
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© …[राकेश]
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