‘धर्मयुग‘ के यशस्वी संपादक, ‘गुनाहों का देवता‘ ‘सूरज का सातवाँ घोडा‘ और ‘अंधायुग‘ आदि अति प्रसिद्ध पुस्तकों के रचियता डॉ धर्मवीर भारती की लंबी कवितायें खूब सराही जाती रही हैं| एक बेहद गंभीर छवि के स्वामी डॉ भारती की श्रंगार रस में पगी कविता ‘फिरोजी होठ‘ प्रकाशित होते ही साहित्यकारों तक को मोह ले गई थी| व्यंग्यकार शरद जोशी जी ने तो इसकी तारीफ में खूब कसीदे कढ़े|
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