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#IndiraGandhi

इंदिरा गांधी की वसीयत

एक सिरे से दूसरे सिरे तक – 1984 सिख विरोधी हिंसा

कुछ कहानियां पाठक को सन्नाटे के बियाबान में ले जाकर छोड़ देती हैं, जहाँ से उसे अपनी क्षमता के अनुसार इसके प्रभाव से बाहर आने में सफलता मिल पाती है| हिंसा के बारे में हरेक के किसी न किसी किस्म... Continue Reading →

दो औरतें : हिंदी साहित्य में हंगामा मचाने वाली कहानी

पिछली सदी के आख़िरी दशक के मध्य में आबू धाबी में हिन्दी अध्यापन के माध्यम से जीविकोपार्जन करते और लगातार लेखन के माध्यम से जीवन को रचनात्मक सृजन की ऊर्जा से सींचते कृष्ण बिहारी छुट्टियों में भारत आये तो दिल्ली... Continue Reading →

राहुल गांधी, पं. नेहरु, हिमालय और संदीप दीक्षित,

नेता और अभिनेता में अंतर होता है और कैमरे के सामने तो यह अंतर बहुत ज्यादा स्पष्ट हो जाता है| हाल में श्री संदीप दीक्षित ने श्री राहुल गांधी के साथ एक पॉडकास्ट किया| संदीप दीक्षित दिल्ली की लम्बे समय... Continue Reading →

चंद्रशेखर : नीतिगत राजनीति वाले नेता

चंद्रशेखर एकमात्र प्रधानमंत्री रहे हैं देश के, जिनके बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि चंद्रशेखर प्रधानमंत्री न बनते उस समय तो भारत को दिवालिया होने की शर्मिंदगी और फिर टूटने की शर्मनाक स्थितियों से गुज़ारना पड़ता|... Continue Reading →

मुनादी…सत्ता की निरंकुशता के विरुद्ध (धर्मवीर भारती)

खलक खुदा का, मुलुक बाश्शा का हुकुम शहर कोतवाल काहर खासो-आम को आगह किया जाता हैकि खबरदार रहेंऔर अपने-अपने किवाड़ों को अन्दर सेकुंडी चढा़कर बन्द कर लेंगिरा लें खिड़कियों के परदेऔर बच्चों को बाहर सड़क पर न भेजेंक्योंकिएक बहत्तर बरस... Continue Reading →

अमर सिंह चमकीला (2024) : मिसिंग लिंक्स

किसी फिल्मकार से कहा जाए कि ये जो वर्तमान के भोजपुरी गीतों में अश्लीलता की बातें चल रही है उनमें से किसी जीवित, सक्रिय और प्रसिद्द गायक - गायिका पर एक बायोपिक बना दो तो उसके पसीने छूट जायेंगे क्योंकि श्लील और... Continue Reading →

Gandhi & Film

रिचर्ड एटनबरो की गांधी और बासु भट्टाचार्य एवं राजकुमार संतोषी ---------------------------------------------------------------------- 50 और 60 के दशक में हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक दिग्गज फ़िल्म निर्देशक और हर लिहाज से समर्थ निर्माता उपस्थित थे, बड़े काबिल लेखक फिल्मों के... Continue Reading →

1971 (2007)

बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के कारण छिड़े भारत-पाक युद्ध (1971) के दौरान भारतीय सेना ने न केवल रिकॉर्ड समय में इस युद्ध को जीता बल्कि दुनिया के किसी भी अन्य देश से ज्यादा बड़ा कारनामा दिखाते हुए पाकिस्तान की सेना से आत्मसमर्पण करवा कर लगभग 90000 युद्धबंदियों... Continue Reading →

Field Marshal Sam Manekshaw : Pippa Vs Sam Bahadur

”आत्मा की शान्ति में नफा नुस्कान नहीं देखा जाता” (नंदू उर्फ़ नन्द किशोर खत्री, द ब्लू अम्ब्रेला)                        https://www.youtube.com/watch?v=6xJptj7AVSA https://www.youtube.com/watch?v=qRmPmm7QeIE निम्न वीडियो में जनरल सैम मानेक शॉ को सैनिकों और पाक युद्धबंदी सैनिकों संग देखा जा सकता है| उनकी... Continue Reading →

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