फ़िल्मी दुनिया में व्यवसायिक रूप से अपना असली नाम न रखकर, कोई अन्य नाम रखने की प्रथा पुरानी है| कई बार लोगों ने अपने कठिन लगते नामों को सरल रुप देने वाले नाम रख लिए, कभी उनके नाम वाला ही... Continue Reading →
“दुःख तोड़ता भी है, पर जब नहीं तोड़ता या तोड़ पाता, तब व्यक्ति को मुक्त करता है” (अज्ञेय के विलक्षण उपन्यास “नदी के द्वीप” की दो में से एक नायिका का कथन) दुःख एक नितांत निजी मसला है मनुष्य के... Continue Reading →
Recent Comments