बात बहुत पुरानी नहीं है। वक्त केथोड़े ही वक्फे भूत हुए होंगे जब डंकी लोग, अर्थात गर्दभ/गधे इस बार मनुष्य के साथ आर पार की लड़ाई करने के मूड में आ गये और सारे गधों को गाँव के बाहर एक... Continue Reading →
क्या दिलीप कुमार और भारत रत्न के बीच कुछ फासले हैं? यह तो सर्वत्र स्वीकृत बात है कि हिन्दी सिनेमा में नायक की भूमिकाएं निभाने वाले अभिनेताओं में वे चुनींदा सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक रहे हैं बल्कि हिन्दी सिने... Continue Reading →
मैंने जब बंबई टॉकीज़ में क़दम रखा तो हिंदू मुस्लिम फ़सादाद शुरू थे। जिस तरह क्रिकेट के मैचों में विकटें उड़ती हैं बाव निडरियाँ लगती हैं। इस तरह उन फसादों में लोगों के सर उड़ते थे और बड़ी बड़ी आगें... Continue Reading →
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