मैंने जब बंबई टॉकीज़ में क़दम रखा तो हिंदू मुस्लिम फ़सादाद शुरू थे। जिस तरह क्रिकेट के मैचों में विकटें उड़ती हैं बाव निडरियाँ लगती हैं। इस तरह उन फसादों में लोगों के सर उड़ते थे और बड़ी बड़ी आगें... Continue Reading →
मैंने जब बंबई टॉकीज़ में क़दम रखा तो हिंदू मुस्लिम फ़सादाद शुरू थे। जिस तरह क्रिकेट के मैचों में विकटें उड़ती हैं बाव निडरियाँ लगती हैं। इस तरह उन फसादों में लोगों के सर उड़ते थे और बड़ी बड़ी आगें... Continue Reading →
...[राकेश]
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