राजेश खन्ना ने बहारों के सपने (1967) से लेकर अनुरोध (1977) के बीच के दस सालों में तकरीबन दो दर्जन हिन्दी फिल्मों में हिन्दी सिनेमा के बेहद अच्छे रोमांटिक दृश्य सिनेमा के परदे पर जीवंत किये, वे संवाद से भरे... Continue Reading →
दो तरह के प्रेम (निजी प्रेम और देश प्रेम) के मध्य संघर्ष इस फ़िल्म के बुनियादी तत्वों में से एक है| प्रेम, देशप्रेम, और स्वतंत्रता आन्दोलन का संघर्ष की पृष्ठभूमि में देशप्रेम जब आहुति माँगता हो तो व्यक्तिगत प्रेम एक व्यसन की तरह... Continue Reading →
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