अच्छे सिनेमा की शक्ति मनुष्य के ऊपर ऐसी होती है कि जिस अंत के बारे में दर्शक निश्चित ही जानते हैं, उसके बारे में भी एक और बार फ़िल्म देखते हुये भावनाओं के वशीभूत होकर बदलाव की आशा रख बैठते... Continue Reading →
कफस में और नशेमन में रह के देख लिया कहीं भी चैन मुझे जेरे-आस्मां न मिला विशाल भारद्वाज की फिल्म 7 Khoon Maaf फैंटेसी के सहारे रिश्तों के बारे में कुछ बुनियादी सवाल की खोजबीन करने की बात करती है।... Continue Reading →
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