चेतावनी : कमजोर ह्रदय के श्रोता, विशेषकर प्रेम में वियोग झेल रहे व्यक्ति, और ऐसे व्यक्ति जिन्होंने कभी भी जीवन में सच में प्रेम को जीवन में जिया हो, इस गीत को रात की तन्हाइयों में लगातार न सुनें|

उर्दू की प्रसिद्द कथाकार एवं उपन्यास लेखिका इस्मत चुग्ताई के शौहर शाहिद लतीफ़ ने इस सोशल-ड्रामा, फ़िल्म- बुज़दिल, का निर्देशन किया था|

…[राकेश]


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