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Cinema, Theatre, Music & Literature

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12th Fail (2023) : सफलता का दावेदार

    ...[राकेश]

दूर कोई गाये (बैजू बावरा 1952) : राधा बिन गूंगी कृष्ण की मुरलिया

दूर कोई गाए धुन ये सुनाए तेरे बिन छलिया रे बाजे न मुरलिया मन के अंदर हो प्यार की अग्नि नैना खोये-खोये के हाय रामा नैन खोये-खोये अभी से है ये हाल तो आगे राम जाने क्या होए नींद नहीं... Continue Reading →

कृष्ण लीला (1)

राधिका : सुनंदा मौसी, प्लीज अपनी शादी से पहले मेरे कॉलेज में कृष्ण नाटक करवा दो न| मैंने अपनी ड्रामा टीचर से कह दिया है कि वार्षिक उत्सव के लिए नाटक मैंने तैयार कर लिया है और बस अब अभ्यास... Continue Reading →

जाग के काटी (Leela 2002) : विनोद खन्ना, जगजीत सिंह, और गुलज़ार, की महफ़िल का रतजगा

रिश्तों में गर्माहट का स्थान ठंडक और परस्पर दूरियां ले लें तो इसके लिए उपमा देने के लिए नई सदी में तो गुलज़ार ही श्रेष्ठ विकल्प हो सकते हैं| गुलज़ार के सृजन आवश्यक नहीं कि काल खंड पर सिलसिलेवार ही... Continue Reading →

Baran (2001): प्रेम की दास्तान !

  ...[राकेश]

देव आनंद : अमर प्रेमी !

                         ...[राकेश]

देव आनंद : दिल की उमंगें हैं जवां

....[राकेश]

टोटका (4) … (रहस्यमयी पत्र)

सेठ दामोदर के घर पर! जवाहर – मैडम, आपको सेठ जी के सभी लाकर्स आदि खुलवाने पड़ेंगे| सेठ जी के कमरे में एक तिजोरी दिखाई दी थी उसकी चाभी है आपके पास? सुनीता- बैंकों आदि में लाकर्स की जानकारी मुझे... Continue Reading →

टोटका (3) (पोस्टमार्टम)

अगले दिन सुभाष थाने में जवाहर के कक्ष में पहुँचता है| सुभाष – सर, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी है, एंटीमार्टम रिपोर्ट तो जीरो है| रिपोर्ट अभी तो यही बता ही रही है कि मौत दिल के बड़े भारी दौरे... Continue Reading →

टोटका (2)… (हत्या : प्राथमिक जांच)

सुभाष, डॉक्टर गौतम और कमला को लेकर थाने पहुँचता है और जवाहर को सूचित करता है| जवाहर : ऐसा करो पहले डॉक्टर गौतम को अन्दर बुलाओ, पहले उनसे ही बात कर लेते हैं| सुभाष और डॉक्टर गौतम जवाहर के कक्ष... Continue Reading →

टोटका (1) … (हत्या)

सीनियर इन्स्पेक्टर सुभाष ने एस पी जवाहर चौधरी से कहा,” सर, आज तो आपका सेवा में आख़िरी दिन है| आपको याद है, वो टोटके वाला केस? मैंने जब भी पूछा आपने टाल दिया पर मुझे हमेशा से लगता रहा है... Continue Reading →

उद्धव और राधा

[कान्हा तेरी बांसुरी ...(2)] ...[राकेश] ©

कान्हा तेरी बांसुरी …(1)

* * * * * * * * * * * * * (शेष ...) ....[राकेश] ©

रुई का बोझ (1997) : विधुर बुजुर्ग पिता का बुढ़ापा और संतान की बेरुखी  

किसन साहू के सबसे छोटे बेटे की भूमिका में रघुवीर यादव फिल्म की एक और खूबी हैं| रघुवीर  यादव कमाल के अभिनेता हैं और वे इस बात को पुनः इस फ़िल्म में भी साबित कर देते हैं| किसन साहू की... Continue Reading →

Dev Bhoomi [Land of the Gods] 2016 : पर्वतों के डेरे पर वापसी

ब्रितानी साम्राज्य से स्वतंत्रता पश्चात दशकों तक मनी ऑर्डर और पेंशन जिसकी आर्थिक रीढ़ रही हो, जहाँ नारी दैनिक जीवनयापन की धुरी बनी रही हो, और जहाँ पक्की सड़कें बन जाने के कारण, कहीं बाज़ार आदि जाने में लगने वाले... Continue Reading →

Vadh (2022) : कर्मफल के चक्रव्यूह में अपराधी कौन?

फ़िल्म "वध" "दृश्यम" (भाग 1 एवं 2) जैसी कसावट ली हुयी सस्पेंस थ्रिलर नहीं है, यह चरित्रों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा रचने के कारण दर्शक को बाँध सकने वाली फ़िल्म भी नहीं है| "वध" में निम्नमध्यवर्गीय जीवन की पारिवारिक... Continue Reading →

चुनरी संभाल गोरी (बहारों के सपने 1967) : मन्ना डे (उत्सवधर्मिता), लता (भावों की बरसात) संग पंचम की संगीत मधुशाला

पंचम संगीत के विशाल सागर में उठी वह तरंग रही है जो आज भी संगीत सागर में न केवल विद्यमान है बल्कि पुरजोर तरीके से संगीत सागर में हिलोरे मार रही है| सागर में उठी तरंगों के कारण अन्दर से... Continue Reading →

कॉमेडी ऑफ़ एरर्स

युगों युगों से महान हिमालय पर्वत श्रंखला के साये में रहने वाले लोग जानते हैं कि उनके आदि पुरुष, देवों में श्रेष्ठतम स्थान पाने वाले शंकर महादेव कितने भोले थे, उन्हे तो भोले शंकर के नाम से भी जाना जाता है। विकट विद्वान महाशय... Continue Reading →

लुट ही गये राम नाम की लूट के फेर में

मानवेंद्र, महाश्य जी के बहुत से किस्से चटखारे लेकर सुनाया करते, और बहुत बार तो महाश्य जी की उपस्थिति में ही, और महाश्य जी खुद भी अपने बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाये गए इन किस्सों को सुनकर ठहाके... Continue Reading →

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