Search

Cine Manthan

Cinema, Theatre, Music & Literature

Tag

#RajeshKhanna

तुम्हारा इंतज़ार है तुम पुकार लो : Khamoshi(1969)

...[राकेश]

‘पीयूष मिश्रा’,’दीपक तिजोरी’,आशुतोष गोवारिकर’ – ‘मैंने प्यार किया’

उपरोक्त उद्धरण पीयूष मिश्र के आत्मकथात्मक उपन्यास - तुम्हारी औकात क्या है, से लिए गए हैं| वे अपने कई साक्षात्कारों में भी सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित "मैंने प्यार किया" की बाबत बता चुके हैं कि राजकुमार बड़जात्या मुंबई से दिल्ली... Continue Reading →

राजेश खन्ना : नूरजहाँ और एक प्रेम कहानी

राजेश खन्ना ने बहारों के सपने (1967) से लेकर अनुरोध (1977) के बीच के दस सालों में तकरीबन दो दर्जन हिन्दी फिल्मों में हिन्दी सिनेमा के बेहद अच्छे रोमांटिक दृश्य सिनेमा के परदे पर जीवंत किये, वे संवाद से भरे... Continue Reading →

… मेरा नाम!

फ़िल्मी दुनिया में व्यवसायिक रूप से अपना असली नाम न रखकर, कोई अन्य नाम रखने की प्रथा पुरानी है| कई बार लोगों ने अपने कठिन लगते नामों को सरल रुप देने वाले नाम रख लिए, कभी उनके नाम वाला ही... Continue Reading →

राजनेतागण : न काहू से दोस्ती न काहू से बैर

भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, अभिनेता राज बब्बर ने लिखा - [भारत को शुरुआत के 3-4 दशकों में ही 3-4 लड़ाईयां लड़नी पड़ी - आंतरिक उथल... Continue Reading →

आख़िरी ख़त(1966): दुष्यंत,शंकुतला और भरत मुंबई में

दुष्यंत पर्वतीय अंचल में घूमते-घूमते पहुँच गया| वहां जंगल में उसे सुन्दर, मासूम, और अल्हड़ता से भरपूर जीवन जीती शकुन्तला दिखाई दी| घर में पितृहीन, सौतेली माँ के कटु वचनों से आहत रहती 17-18 साल की गरीब लड़की, जिसके अन्दर... Continue Reading →

Dushman 1972 : अपराध, दंड और प्रायश्चित

ताजिराते हिन्द की दफा 304 के लिए एक अनोखी सजा सुनाकर दुश्मन फ़िल्म में जज महोदय (रहमान) गैर- इरादतन अपराध कर जाने वाले व्यक्ति को सुधरने का अवसर देते हैं| किसी सामान्य व्यक्ति से गैर-इरादतन कोई अपराध हो जाए, इसमें... Continue Reading →

Ittefaq (1969)

जिस मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर को यश चोपड़ा ने बस यूँ ही वक्त के बाद अगली बड़ी फ़िल्म बनाने की तैयारियों के बीच छोटी सी अवधि में सीमित साधनों के साथ बना लिया था वह पिछले 5 दशकों से ज्यादा समय... Continue Reading →

डाकिया डाक लाया : गुलज़ार का लिखा ख़त लाया

गुलज़ार साब के गीत ऐसे होते हैं जो श्रोता और पाठक की भावनाओं को अपने साथ अपनी इच्छित दिशा में ले जा सकते हैं| गुलज़ार भावनाओं के ट्रैफिक के नियंत्रक कवि हैं| बहुत सी फ़िल्में ऐसी हैं जिनसे वे केवल एक गीतकार... Continue Reading →

Amitabh Bachchan + Director Hrishikesh Mukerjee (1)

हृषिदा के साथ अमिताभ बच्चन का जुड़ाव बहुत ही सफल और फलदायी रहा है| अमिताभ को जो एक अच्छा कलाकार होने का सम्मान, उनके पैन इण्डिया सुपर स्टार होने से इतर मिला उसमें सबसे बड़ी भूमिका हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्मों में निभाई गई भूमिकाओं... Continue Reading →

हजार राहें जो मुड़ के देखीं : गुलज़ार खय्याम किशोर लता

https://youtu.be/t1O9anHPo_Y?si=Ht9OsaNyZPxw7Nd0

Animal(2023) : Alpha Male & Swanand Kirkire

हिंदी फिल्मों में ही ऐसे उदाहरण मिल जायेंगे जहां किसी चरित्र का चित्रण समाज के लिए घातक लगेगा लेकिन फ़िल्में आती हैं चली जाती हैं, समाज अपनी मंथर गति से बदलाव देख,समझ, स्वीकार करके बढ़ता रहता है| आखिरकार तो सिनेमा... Continue Reading →

तुम बिन जाऊँ कहाँ (प्यार का मौसम 1969) : पंचम के पांच जादू

https://youtu.be/YQNb89xnKvQ?si=_hJcif396ONsLOzu https://youtu.be/62w7UB3h1xU?si=XWXMUsu8zu4-Cc8v https://youtu.be/WGH36wL6lHM?si=dK5CDvb2Rj9PBdvF https://dai.ly/x806f7z https://youtu.be/PZwoyWODUtE?si=9YEH7AVr_h3ACvoN                 ...[राकेश]

Three of Us (2022): त्रिकाल की पहेलियाँ

इस फ़िल्म को हृषिकेश मुकर्जी की आनंद (Anand (1971) : जीने का अंदाज अंकुरित कर जाने वाला जिंदादिल) पारिवारिक मित्र के घर बैठक का दृश्य शैफाली शाह के बेहतरीन अभिनय वाली लघु फ़िल्म Juice (Juice (2017) : क्वथनांक से बस एक डिग्री कम)... Continue Reading →

कसमें वादे प्यार वफ़ा सब [उपकार (1967)] : किशोर कुमार की नासमझी, मन्ना डे की किस्मत  

  ...[राकेश]

चुनरी संभाल गोरी (बहारों के सपने 1967) : मन्ना डे (उत्सवधर्मिता), लता (भावों की बरसात) संग पंचम की संगीत मधुशाला

पंचम संगीत के विशाल सागर में उठी वह तरंग रही है जो आज भी संगीत सागर में न केवल विद्यमान है बल्कि पुरजोर तरीके से संगीत सागर में हिलोरे मार रही है| सागर में उठी तरंगों के कारण अन्दर से... Continue Reading →

Blog at WordPress.com.

Up ↑