अगर ईश्वर को मानें तो कहा जाता है कि मानव ईश्वर की श्रेष्ठ कृति है और प्रकृति की श्रेष्ठ रचना निरंतर ऊहापोह में रहती है अपने रचियता से अपने संबंध को जानने, पहचानने और परिभाषित करने के लिये। अगर ईश्वर... Continue Reading →
अगर ईश्वर को मानें तो कहा जाता है कि मानव ईश्वर की श्रेष्ठ कृति है और प्रकृति की श्रेष्ठ रचना निरंतर ऊहापोह में रहती है अपने रचियता से अपने संबंध को जानने, पहचानने और परिभाषित करने के लिये। अगर ईश्वर... Continue Reading →
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