एक ही विषय पर दो लेखक अलग-अलग कहानियाँ लिख सकते हैं। एक ही कहानी पर दो पटकथा लेखक भिन्न लगने वाली पटकथायें तैयार कर सकते हैं। एक ही विषय पर दो निर्देशक अलग प्रतीत होने वाली फिल्में बना सकते हैं।... Continue Reading →
बुरे विचार, बुरे संस्कार और झूठी शानो-शौकत के भुलावे सात संमुदर पार भी पीछा नहीं छोड़ा करते। वे सब मनुष्य के साथ इस तरह स्थायी पैरहन की तरह चिपके रहते हैं जैसे कर्ण के साथ उसके कवच और कुंडल। दूसरे... Continue Reading →
Recent Comments