यह बात निर्विवाद रुप से सत्य है कि प्रेमी ह्रदय के उदगार, चाहे वे खुशी से भरे हों या ग़म से, उन्हे प्रकट करने में मुकेश को फिल्मों में गायिकी आरम्भ करने के काल से ही महारत हासिल रही। दुखी... Continue Reading →
यह बात निर्विवाद रुप से सत्य है कि प्रेमी ह्रदय के उदगार, चाहे वे खुशी से भरे हों या ग़म से, उन्हे प्रकट करने में मुकेश को फिल्मों में गायिकी आरम्भ करने के काल से ही महारत हासिल रही। दुखी... Continue Reading →
उपरोक्त शीर्षक का भावार्थ किया जाये तो ” खतरनाक गंजा ” एकदम उपयुक्त लगेगा। यह शीर्षक किसी जासूसी (बाल, किशोर या वयस्क) उपन्यास से उठाया गया लगता है। पर ये समझ लेना जरुरी है कि इन गंजे महोदय से खतरनाक... Continue Reading →
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