आग, बरसात से होते हुए आवारा तक फिल्म दर फिल्म अपने निर्देशकीय कौशल का परचम ऊंचा और ऊँचा करते हुए Shri 420 में निर्देशक राज कपूर अपनी निर्देशकीय प्रतिभा का शिखर छू जाते हैं| इस गीत के सिनेमाई रूपांतरण में... Continue Reading →
“कैफ बरदोश, बादलों को न देख, बेखबर, तू न कुचल जाए कहीं|” आकाश में उमड़ घुमड़ आये बादलों से मनुष्य का बहुत पुराना सम्बन्ध है शायद तब का जब मानव ने धरती पर बस जन्म लिया ही होगा और उसे... Continue Reading →
“I do not want my house to be walled in on all sides and my windows to be stuffed. I want the cultures of all the lands to be blown about my house as freely as possible. But I refuse... Continue Reading →
हरे-भरे वृक्षों की भरपूर जीवंत उपस्थिति से हिलोरें मारते पर्वतीय जंगल, मस्तक ऊँचा ताने खड़ी पर्वत की चोटियाँ, रहस्यमयी गहरी खाइयां, खुशगवार मौसम, गुगुदाकर जाती ठंडी हवाएं, कहीं तो चेहरे को छू-छू जाते बादल के टुकड़े, और कहीं ऊपर साफ... Continue Reading →
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