
















ऐसी फिल्में हिन्दी सिनेमा में बनती नहीं है अतः ऐसे प्रयासों का समुचित रुप से सही मूल्यांकन होना चाहिये और केवल बॉक्स ऑफिस की सफलता को ही पैमाना बनाकर ऐसी फिल्मों की संभावनाओं को नष्ट नहीं करना चाहिये।
…[राकेश]
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April 21, 2015 at 6:18 PM
I loveed this movie 🙂
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