“कैफ बरदोश, बादलों को न देख, बेखबर, तू न कुचल जाए कहीं|” आकाश में उमड़ घुमड़ आये बादलों से मनुष्य का बहुत पुराना सम्बन्ध है शायद तब का जब मानव ने धरती पर बस जन्म लिया ही होगा और उसे... Continue Reading →
सीबीआई निदेशक अपने कनिष्ठ अधिकारी से कहता है - ‘अश्विन, तुमने इंसाफ की मूर्ति देखा है, उसके हाथ में तराजू है, आँखों पे पट्टी, अक्सर लोग देखना चूक जाते हैं कि उस मूर्ति के हाथ में एक तलवार भी है,... Continue Reading →
जिसने ‘दृश्यम’ फिल्म का मूल मलयाली संस्करण (मोहन लाल अभिनीत) और कमल हसन अभिनीत तमिल संस्करण नहीं देखे हैं उनके लिए फिल्म का अजय देवग्न अभिनीत हिंदी संस्करण एक अच्छे थ्रिलर देखने का आनंद प्रस्तुत करता है और मूल मलयाली... Continue Reading →
कौन है भारत में ऐसा जो हिन्दी सिनेमा के संगीत संसार में मौजूद नायाब खजाने से रुबरु हुआ हो और शोला जो भड़के दिल मेरा धड़के (अलबेला-1951) , मुड़ मुड़ के न देख (श्री 420 - 1955), मेरा नाम चिन... Continue Reading →
पहुँचे हुये संतो, सिद्धों और सूफियों ने हमेशा अपने और प्रभु के बीच अद्वैत की कल्पना की है या बात की है या दुनिया को बताया है कि आत्मा परमात्मा के साथ एकाकार हो गयी है। वे लगातार स्तुति से,... Continue Reading →
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