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Cinema, Theatre, Music & Literature

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भारत में सिनेमा का पहला विज्ञापन!

जब स्वामी विवेकानंद बाद में बेहद प्रसिद्द हो जाने वाली शिकागो की यात्रा हेतु भारत से शिकागो वाया वैंकुवर पहुँच रहे होंगे तब भारत में सिनेमा अपनी पहली मुंह दिखाई कर रहा था| July 1896 के पहले सप्ताह में जब... Continue Reading →

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनाम अमेरिकी राष्ट्रपति – Love Actually 2003

सिनेमा, साहित्य की तरह उस काल का ही दर्पण नहीं होता कभी कभी वह वर्तमान को देख कर आगे की घटनाओं का पूर्व अनुमान भी लगा लेता है | वर्तमान में जो अमेरिका में घट रहा है वह बिलकुल भी... Continue Reading →

Who am I (1998)

जैकी चैन के मनोरंजक सिने संसार में प्रवेश करने का कार्य इस फ़िल्म के माध्यम से पूरा किया जा सकता है| इस फ़िल्म में कई फिल्मों को देखने का आनंद प्राप्त होता है| इसमें स्पाई फिल्मों की रहस्यमय दुनिया है, साजिशें... Continue Reading →

स्मिता पाटिल को अचानक लगते थप्पड़ (भूमिका)

कई साल पहले जब फ़ारुक शेख टीवी शो - जीना इसी का नाम है, को प्रस्तुत करते थे तब श्याम बेनेगल वाली क़िस्त में सेट पर आये अमरीश पुरी ने श्याम बेनेगल की फ़िल्म - भूमिका, के बारे में कहा... Continue Reading →

Gandhi & Film

रिचर्ड एटनबरो की गांधी और बासु भट्टाचार्य एवं राजकुमार संतोषी ---------------------------------------------------------------------- 50 और 60 के दशक में हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक दिग्गज फ़िल्म निर्देशक और हर लिहाज से समर्थ निर्माता उपस्थित थे, बड़े काबिल लेखक फिल्मों के... Continue Reading →

Titanic (1997)

जहाजी इश्क नहीं आसां, बर्फीले समुद्र में डूब ही जाना है टाइटेनिक जहाज की असली घटना की कहानी बीसवीं सदी की एक सबसे बड़ी दुर्घटना की कहानी है लेकिन जेम्स कैमरून की फ़िल्म टाइटेनिक इस दुर्घटना का सिनेमाई रूपांतरण होने... Continue Reading →

The Pursuit of Happyness (2006) : हाशिए पर पड़े जीवन का निराशा के गर्त से उठकर उदय होना

...[राकेश]

शशि कपूर : ‘दादा साहेब फाल्के’

...[राकेश]

Invictus (2009): खेल से राष्ट्रीय एकता बसाने वाला जननेता

कुछ फिल्में फिल्में ही नहीं रह जातीं बल्कि वे सिनेमा से थोड़ा आगे बढ़कर बड़े स्तर पर जीवन से ऐसे जुड़ जाती हैं कि जीवन को ही प्रेरणा देने लगती हैं और उसे सुधारने लगती हैं। Clint Eastwood की Invictus... Continue Reading →

The Other End of the Line (2008) : इंडो-अमेरिकन प्रेमकहानी

ओह्ह्ह्ह मुम्बई तो भारत का New York है और वहाँ नौकरियों का विस्फोट हो गया है अमेरिकी धनी Kit Hawksin अपने होटल में ठहरी हुयी भारत से अमेरिका गयी प्रिया से मिलने पर  कहता है। मैं New York को अमेरिका... Continue Reading →

Partition (2007) : भारत के हिंसक विभाजन में जन्मी प्रेमकथा

एक ही विषय पर दो लेखक अलग-अलग कहानियाँ लिख सकते हैं। एक ही कहानी पर दो पटकथा लेखक भिन्न लगने वाली पटकथायें तैयार कर सकते हैं। एक ही विषय पर दो निर्देशक अलग प्रतीत होने वाली फिल्में बना सकते हैं।... Continue Reading →

Murder Unveiled (2006) : Indo-Canadian Honour Killing

बुरे विचार, बुरे संस्कार और झूठी शानो-शौकत के भुलावे सात संमुदर पार भी पीछा नहीं छोड़ा करते। वे सब मनुष्य के साथ इस तरह स्थायी पैरहन की तरह चिपके रहते हैं जैसे कर्ण के साथ उसके कवच और कुंडल। दूसरे... Continue Reading →

The Beguiled(1971): स्त्री संसार में छलिया Clint Eastwood

व्यवसायिक फिल्मों के सुपर स्टार्स में से बिरले ही ऐसे होंगे जो अपनी बनी बनायी छवि को खुद ही तोड़ने की कोशिश करेंगे। अमेरिकी साहित्य का एक उपवर्ग है Southern Gothic और लेखक Thomas P. Cullinan ने इसी उपवर्ग के... Continue Reading →

The Last Station (2009) : Leo Tolstoy के आख़िरी साल का बयान

व्यक्ति से बड़ी उसकी छवि होती है यह तो एक सिद्ध सी बात है और छवि अगर व्यक्ति के ऐसे विचारों से बने जो कि लाखों लोगों को प्रभावित करें या करने लगें तो व्यक्ति की छवि भी उसी अनुपात... Continue Reading →

The Yellow Handkerchief (2010) : कल, आज और कल को खंगालती प्रेम कहानी

...[राकेश]

Little Fugitive(1953) : बचपन के दिन और बाल मन

जिन दर्शकों ने इसे न देखा हो, जब भी उनका मौका लगे उन्हें इस फिल्म की डीवीडी एकदम लपक लेनी चाहिये। बच्चे के मनोविज्ञान को बखूबी दर्शाती केवल 80 मिनट लम्बी फिल्म उन्हें मोह लेगी। ...[राकेश]

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