पुस्तक संगीत के सामान्य श्रोता को यह आसान ढंग से संगीत के शास्त्रीय तत्वों की जानकारी उपलब्ध करा देती है और गीतों के नोटेशन्स और लता के गायन की बारीकियों को उजागर करके संगीत के पारखी श्रोताओं को भी ज्ञान... Continue Reading →
थप्पड़ : (बस इतनी सी बात), निर्देशक अनुभव सिन्हा की सामाजिक मुद्दों पर टीका टिप्पणी वाली श्रंखला की अगली कड़ी है जिसमें व्यावसायिक करियर के अपने स्वप्न पर अपने ऑफिस द्वारा नियंत्रण करने से बेहद नाराज़ युवक अपने ही घर... Continue Reading →
...[राकेश]
सन 1984 के किसी दिवस की बात है| एक शिष्य अपने गुरु दवारा बसाए गये शहर में उनके आवास के बाहर रोते हुए गुरु की निजी सचिव से कह रहा है,” भगवान, ने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया| मुझे... Continue Reading →
‘ ऐसे जीवन भी हैं जो जिए ही नहीं जिनको जीने से पहले ही मौत आ गई फूल ऐसे भी हैं जो खिले ही नहीं जिनको खिलने से पहले खिज़ा खा गई ...[राकेश] ©
चाहे हिमालय के भव्य अस्तित्व का श्रंगार करती हुयी सूरज की किरणें हों या एल्प्स की वादियों की गोद को धीमी नाजुक आँच से मदमाती हुयी सूरज की किरणें हों, सुबह के सूरज की लालिमा के सौंदर्य का कहीं कोई... Continue Reading →
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