मौन साधा परदे पर तो ऐसा कि सन्नाटे के छंद ही बुन दिए और बकर बकर बोल हास्य रचा तो ऐसा कि लगा अभिनेता दिलीप कुमार को ट्रेजडी किंग का खिताब कैसे दे दिया लोगों ने, यह अभिनेता तो हास्य... Continue Reading →
ग़ालिब पारंपरिक रूप से धार्मिक नहीं हैं और न ही जड़ता ने उनके दिलो दिमाग पर कोई असर ही डाला है| अपने एक हिन्दू मित्र के घर अन्य हिन्दू साथियों के संग वे दीवाली के अवसर पर चौसर खेल रहे... Continue Reading →
मम्मो अकेली इंसान नहीं थी जिसकी ज़िंदगी मुहम्मद अली जिन्ना के पाकिस्तान बनाने के कारण पटरी से उतर गई, उस जैसे लाखों लोग 1947 के बाद दो राष्ट्र के सनकी प्रयोग के कारण टूटी फूटी ज़िंदगी जीने के लिए विवश... Continue Reading →
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