राज कपूर की फिल्मों के गीत विशाल जनसमूह के ह्रदय को छूने वाले गीत रहे हैं| महासागर जैसे उनके संगीत संसार से 2-3 झलकियाँ भी देख ली जाएँ तो उनकी फिल्मों के संगीत संसार से परिचित होने के लिए वे ही... Continue Reading →
अष्टावक्र का शरीर 8 जगह से झुका हुआ था इसलिए बचपन से ही उन्हें अष्टावक्र नाम से संबोधित किया जाता था| जब अष्टावक्र केवल 12 वर्ष के थे, तब वे राजर्षि राजा जनक के दरबार में चल रहे शास्त्रार्थ से अपने पिता को बुलाने गये| जनक के दरबार... Continue Reading →
किशोर कुमार ने एक शानदार आवाज के धनी अभिनेता अमिताभ बच्चन के लिए गाने गाना फ़िल्म संजोग (1971) में गाये गीत - रूप ये तेरा किसने बनाया, से आरम्भ कर दिया था| लेकिन इस जोड़ी को पहली प्रसिद्धि मिली बॉम्बे टू गोवा के ऊर्जा भरे गीत - देखा न... Continue Reading →
बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के कारण छिड़े भारत-पाक युद्ध (1971) के दौरान भारतीय सेना ने न केवल रिकॉर्ड समय में इस युद्ध को जीता बल्कि दुनिया के किसी भी अन्य देश से ज्यादा बड़ा कारनामा दिखाते हुए पाकिस्तान की सेना से आत्मसमर्पण करवा कर लगभग 90000 युद्धबंदियों... Continue Reading →
कारगिल का युद्ध एक ऐसा कड़वा इतिहास है जो भारतीय जनमानस से आसानी से हट नहीं पायेगा| जिसने भी उस दौर का मंजर देखा है, उसे कश्मीर की तरफ कूच करती बोफोर्स तोपें और सेना की टुकडियों के वाहनों की... Continue Reading →
विनोद चोपड़ा ने जब 1942 A Love Story बनाई थी और अखबारों में उनका एक बयान छपा था जिसके अनुसार उन्होंने दावा किया था,"I am the best filmmaker in India" तब किसी पत्रकार द्वारा फ़िल्म के बारे में पूछने पर... Continue Reading →
बड़े बाँध बनने से, माइनिंग के कारण, बहुत बड़े उद्योग लगने के कारण हुये स्थानीय लोगों के विस्थापन को नेहरू युग में देश में अन्यत्र रह रहे लोग महसूस भी न कर पाते होंगे| तब देश के नेता ने एक... Continue Reading →
सन 1984 के किसी दिवस की बात है| एक शिष्य अपने गुरु दवारा बसाए गये शहर में उनके आवास के बाहर रोते हुए गुरु की निजी सचिव से कह रहा है,” भगवान, ने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया| मुझे... Continue Reading →
भारत- पाकिस्तान के बीच तनाव का आलम ऐसा है कि बिना आग भी धुआँ उठ सकता है और बिना मुददे के भी दोनों देश लड़ सकते हैं, इनकी सेनाएं जंगे-मैदान में दो –दो हाथ न करें तो क्रिकेट के मैदान... Continue Reading →
...[राकेश]
बुरे विचार, बुरे संस्कार और झूठी शानो-शौकत के भुलावे सात संमुदर पार भी पीछा नहीं छोड़ा करते। वे सब मनुष्य के साथ इस तरह स्थायी पैरहन की तरह चिपके रहते हैं जैसे कर्ण के साथ उसके कवच और कुंडल। दूसरे... Continue Reading →
दुनिया भर में बहुत सारा वैज्ञानिक, तकनीकी एवम औद्योगिक विकास सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिये हुआ है और सह-उत्पाद के रुप में आम जनता के काम आने वाली तकनीक और उत्पाद विकसित हो गये हैं। सैन्य शक्त्ति और वैज्ञानिक तकनीकी... Continue Reading →
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