कोमल और प्रेममयी स्वर में टीचर : राजू तुम यहाँ क्या कर रहे हो? किशोर लड़का : मैडम मैं सर के सामने कंफैशन कर रहा था, मैंने पाप किया है| कहकर लड़का बाहर जाने लगता है जिससे उसे अपनी टीचर... Continue Reading →
सन 1984 के किसी दिवस की बात है| एक शिष्य अपने गुरु दवारा बसाए गये शहर में उनके आवास के बाहर रोते हुए गुरु की निजी सचिव से कह रहा है,” भगवान, ने मुझे किस मुसीबत में डाल दिया| मुझे... Continue Reading →
चाहे हिमालय के भव्य अस्तित्व का श्रंगार करती हुयी सूरज की किरणें हों या एल्प्स की वादियों की गोद को धीमी नाजुक आँच से मदमाती हुयी सूरज की किरणें हों, सुबह के सूरज की लालिमा के सौंदर्य का कहीं कोई... Continue Reading →
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