निर्देशन के क्षेत्र में Clint Eastwood का तीसरा प्रयास थी Breezy, और Clint Eastwood पहली बार Western और Thriller वर्ग की फिल्मों से दूर जाकर पूरी तरह से रोमांटिक फिल्म बना रहे थे।
लार्जर- देन-लाइफ वर्ग की फिल्मों के स्टार Clint Eastwood के लिये Breezy का कैनवास काफी छोटा था पर उन्होने इस छोटे बजट की फिल्म को बनाकर दिखाया कि वे आने वाले समय में संवेदनशील फिल्में बनाने की ओर अग्रसर हैं।
Frank Harmon (William Holden) और Breezy (Kay Lenz), फिल्म के दो मुख्य चरित्र हैं।
Frank अपनी उम्र के पाँचवें दशक में जीवन व्यतीत कर रहा एक धनी रियल-एस्टेट सेल्समैन है और बरसों पहले उसका तलाक हो चुका है और अब वह अपने बड़े से घर में अकेला रहता है। वह अकेले जीवन व्यतीत करने का आदि हो चुका है। उसकी ज़िंदगी एक ढ़र्रे पर चलने वाली ज़िंदगी है। काम, और काम से अलग हटे तो वही ले देकर २-३ मित्र जिनके साथ शाम को बार में समय व्यतीत किया जा सकता है। वही एक जैसी बातचीत। उसकी ज़िंदगी एक तरह से मशीनी है। पर उसे यह ख्याल नहीं है कि वह इस तरह से जीवन जीने में कुछ खो रहा है। वह इसी तरह लगभग हर दिशा से बंद जीवन जीने का अभयस्त हो चुका है। इसमें कुछ परिवर्तन हो जाये तो उसे जरुर परेशानी हो जायेगी।
और प्रकृति जीवन में परिवर्तन लाये बिना मानती कहाँ है!
Breezy लगभग 17-18 वर्षीय लड़की है जो कि एक हिप्पी सरीखा जीवन व्यतीत करती है।
हालाँकि Frank और Breezy दोनों ही हर तरह से एक बंधन मुक्त्त जीवन जी रहे हैं परंतु उन दोनों के जीवन जीने में, और जीवन जीने के प्रति दृष्टिकोण में जमीन आसमान का अंतर है।
Frank का जीवन लगभग एक रंगी है और न तो इस पर कोई और रंग चढ़ पाना आसान है और न ही वह खुद ही कोई और रंग चढ़ने देता है। वह एक तालाब में बंद हो चुका जल है जिसे ठहरे रहने में ही शांति मिलती है और एक कंकड़ भी इसके पानी में फेंक दो इस विक्षोभ से इसका पूरा शरीर परेशान हो उठता है।
इसके विपरित Breezy जीवन से लबालब भरी हुयी उन्मुक्त्त प्रवाह से बहने वाली नदी है। वह तात्कालिकता में जीती है। वर्तमान ही उसके लिये सबसे अच्छा समय है। न भूतकाल उसे परेशान करता है और न ही आने वाले समय के बारे में सोचकर वह चिंतित होती है। वह बसंत ऋतु के माफिक है जिसमें न केवल हवा ही खुशगवार हो उठती है बल्कि चारों तरह खूबसूरती की छटा भी बिखर जाती है।
Breezy जीवन के प्रति एक साफ-सुथरा दृष्टिकोण रखती है। उसके सोचने में कहीं कोई जटिलता नहीं है। उसका दिल कुछ करने के लिये कह रहा है तो वह उस काम को कर देगी। वह यह नहीं देखेगी कि ऐसा करने से उसे कितना और कितनी दीर्घ-अवधि वाला लाभ होगा। उस क्षण उसे ऐसा करने से आनंद मिलेगा, शांति मिलेगी सो वह वैसा कर देगी।
उसके सामने जीवन में कोई ऐसा लक्ष्य नहीं है कि उसे ऐसा बनना है, वैसा बनना है, इतना धन कमाना है, इस पद पर बैठना है। वह क्षण में जीने वाली लड़की है।
जहाँ Frank अपने व्यापार में रमा रहता है और उसी सिलसिले में उसकी दिनचर्या निर्धारित ढ़र्रे पर चलती है, वहीं Breezy कहीं जाते हुये सड़क किनारे पड़े एक कुत्ते के पास रुक जाती है। कुत्ते को कोई वाहन घायल कर गया है। Breezy की संवेदनशीलता के लिये घायल कुत्ते को छोड़ जाना संभव नहीं है। वह उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहती है।
दो विल्कुल विपरित प्रकृतियों के मनुष्य Frank और Breezy आपस में मिलते हैं और परिस्थितियाँ Breezy को Frank के एकरंगी जीवन में घुसपैठ करवा देती हैं। Frank बहुत कोशिश करता है कि Breezy उसके जीवन से चली जाये पर वह उसके घर और जीवन में प्रवेश कर ही लेती है।
Breezy, उसका जीवन जीने का अंदाज़, उसके तौर-तरीके, एक तरह से उसका सारा अस्तित्व संक्रामक रुप से आकर्षक है और न चाहते हुये भी Frank उसमें रुचि लेने लगता है। वह अपने को बहुत रोकता है पर Breezy रुपी बहाव उसे अपने साथ बहा ले जाता है और एक स्तर तक प्रतिरोध दिखाने के बाद वह Breezy के आकर्षण के सामने समर्पण कर देता है।
यह फिल्म Frank और Breezy के मध्य पनपे लगभग असंभव लगने वाले प्रेम पर आधारित है। शुरुआती प्रतिरोध के बाद Frank, Breezy के प्रेम और उसके प्रति अपने लगाव को स्वीकार तो कर लेता है, पर ऐसे किसी भी संबंध की राह इतनी आसान तो है नहीं। प्रेम संबंध तो कोई भी हो वह सामाजिक स्थिति में बदलाव लाता ही है। पुराने दोस्तों के लिये प्रेमियों के पास वक्त्त नहीं बचता।
ऐसा प्रेम जहाँ किसी भी तरह के असामान्य अंतर हों वे ऐसी कठिन सामाजिक परिस्थितियाँ प्रेमियों के सामने उत्पन्न कर देते हैं कि उनसे पार पाये बिना प्रेमियों को न तो शांति ही मिलती है और न ही वे प्रेम में ही आगे बढ़ पाते हैं।
जहाँ प्रेमी और प्रेमिका में उम्र का बहुत अंतर हो वहाँ बड़ी उम्र का प्रेमी अगर पुरुषवादी है तो उसे अपना नया प्रेमसम्बंध एक तमगा लगता है कि उसने जीवन में एक और फतेह हासिल कर ली है।
पर अगर प्रेमी एक सामान्य पुरुष है तो उसे शुरु से ही सामाजिक रुप से ऐसे प्रेम सम्बंध में कुछ हिचक लगेगी।
शुरु में तो Frank नये पनपे प्रेम के नशे में बह जाता है पर जल्दी ही अपने पुराने मित्रों से मिलने पर उसे ऐसा लगता है कि यह प्रेम-संबंध उचित नहीं है और वह बेरुखी से Breezy को अपने जीवन से दूर करना चाहता है और कर भी देता है।
पर प्रेम का अंकुरण एक बार हो जाये तो फिर यह पौधा बन ही जाता है। एक बार मन से प्रेम को स्वीकार करने के बाद उसे भुला पाना आसान काम नहीं है।
प्रेमियों को सामाजिक अड़चनों से पार पाना ही होता है।
न उम्र की सीमा हो न जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन
करीबे तीन दशक पहले गीतकार इंदीवर ने हिंदी फिल्म प्रेमगीत के एक गीत में उपरोक्त्त पंक्तियाँ रची थीं और ये पंक्तियाँ Breezy के दोनों मुख्य चरित्रों की भावनाओं की अभिव्यक्त्ति पूरी तरह से करती हैं। जब खुद से प्रेम हो जाये तो उसमें किसी भी किस्म के बंधन काम नहीं करते।
अलगाव के बाद प्रेम जोर मारने लगता है तो Frank खोजने निकलता है Breezy को जो उसे आया देखकर उसकी बुरे बर्ताव को न याद रखकर अपनी खुशनुमा आदत के अनुसार उसके साथ चलने लगती है।
अपने प्राकृतिक भय और अपनी आदत के अनुरुप Frank कहता है,
शायद हमारा साथ एक साल से ज्यादा न चले।
अपनी प्रकृति के अनुरुप Breezy चहकती है,
ज़रा सोचो तो पूरा एक साल।
Clint Eastwood अपनी फिल्म को लोलिता प्रभावित क्षेत्र से बचाते हुये इसे एक प्रेम आधारित फिल्म बना पाने में सफल रहते हैं और इस लक्ष्य को पाने में बहुत बड़ा योगदान उनके अभिनेताओं William Holden और Kay Lenz के बहुत अच्छे अभिनय का भी है।
प्रश्न खड़े कर सकने वाली प्रेमकहानी Breezy के उन्मुक्त्त आकर्षण, जिसे कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता, के कारण एक सहजता धारण कर लेती है।
…[राकेश]
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